जामिया में लगे बाबरी के नारे: कहीं पथराव, कहीं भगवा फाड़ा, दरभंगा से लेकर बाड़मेर तक नफरत की कई घटनाएं-सरकार ने ‘जीरो टॉलरेंस’ की चेतावनी दी

जामिया में लगे बाबरी के नारे: कहीं पथराव, कहीं भगवा फाड़ा, दरभंगा से लेकर बाड़मेर तक नफरत की कई घटनाएं-सरकार ने ‘जीरो टॉलरेंस’ की चेतावनी दी

पथराव और भगवा फाड़ा: जामिया में लगे बाबरी नारे

जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, जो अपनी जीवंत छात्र सक्रियता के लिए जाना जाता है, हाल ही में एक सांप्रदायिक विवाद का केंद्र बन गया। प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने कैंपस में प्रदर्शन के दौरान बाबरी मस्जिद के समर्थन में नारे लगाए. हालाँकि, जिस चीज़ ने सभी का ध्यान खींचा वह उसके बाद हुई परेशान करने वाली घटनाएँ थीं। विश्वविद्यालय परिसर के भीतर कुछ स्थानों पर पथराव की खबरें सामने आईं। झड़पों से तनाव बढ़ गया क्योंकि अलग-अलग विचारधाराओं को लेकर समूहों में जमकर झड़प हुई।

एक और चौंकाने वाले घटनाक्रम में, कुछ आंदोलनकारियों द्वारा भगवा झंडे फाड़ दिए गए, जो हिंदू राष्ट्रवाद के खिलाफ अवज्ञा का प्रतीक था। इन घटनाओं ने न केवल समाज के भीतर गहरी जड़ें जमा चुके विभाजन को उजागर किया, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में नफरत की लहर भी पैदा कर दी। दरभंगा से लेकर बाड़मेर तक सांप्रदायिक तनाव और हिंसा की घटनाएं सामने आईं.

नफरत की घटनाएं: दरभंगा से लेकर बाड़मेर तक

नफरत की घटनाओं से प्रभावित हुआ है जो जंगल की आग की तरह फैल गई है, जो दरभंगा की हलचल भरी सड़कों से लेकर बाड़मेर के शुष्क परिदृश्य तक फैल गई है। धार्मिक तनाव से प्रेरित इन घटनाओं ने समुदायों को खंडित और आहत कर दिया है। जो एक समय सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व था, अब असहिष्णुता की बढ़ती लहर से ख़तरा पैदा हो गया है। दरभंगा में, जामिया विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन के दौरान नारे लगाए गए और पथराव किए जाने से हवा तनाव से भरी हो गई।

पवित्र भगवा कपड़ा, जो लोगों के लिए शांति और भक्ति का प्रतीक है, अवज्ञा के एक कार्य में फट गया। इस तरह के कृत्य न केवल समाज के ताने-बाने को तार-तार करते हैं बल्कि समुदायों के बीच विभाजन को भी गहरा करते हैं। इस बीच, बाड़मेर में मीरा रोड में राम मंदिर कार्यक्रम के दौरान झड़प हो गई। झड़प ने अधिकारियों को शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा उपाय बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।

राम मंदिर कार्यक्रम के दौरान झड़प: मीरा रोड में सुरक्षा बढ़ा दी गई

मुंबई के उपनगर मीरा रोड में हाल ही में राम मंदिर कार्यक्रम के दौरान दो समूहों के बीच परेशान करने वाली झड़प देखी गई। तनाव तब और बढ़ गया जब दोनों पक्षों के लोग तीखी बहस करने लगे, जिसके कारण सड़कों पर मारपीट और अराजकता फैल गई। रिपोर्टों से पता चलता है कि यह झड़प अयोध्या में लंबे समय से प्रतीक्षित राम मंदिर के निर्माण पर अलग-अलग विचारों को लेकर हुई। इस चिंताजनक घटना के जवाब में, स्थानीय अधिकारियों ने सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए तेजी से कार्रवाई की।

सरकार ने मीरा रोड में तुरंत सुरक्षा उपाय बढ़ा दिए, जिसका लक्ष्य आगे किसी भी झड़प या हिंसा की कार्रवाई को रोकना था। स्थिति पर बारीकी से नजर रखने और यदि आवश्यक हो तो तुरंत हस्तक्षेप करने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों को पूरे क्षेत्र में रणनीतिक रूप से तैनात किया गया था। किसी भी प्रकार की हिंसा या घृणा के प्रति “शून्य सहनशीलता” अपनाने का सरकार का निर्णय एक कड़ा संदेश देता है कि ऐसी कार्रवाइयों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

सरकार ने ‘जीरो टॉलरेंस’ की चेतावनी दी

हिंसा और सांप्रदायिक तनाव की हालिया घटनाओं के मद्देनजर, सरकार ने किसी भी प्रकार की नफरत या अशांति के प्रति ‘शून्य सहिष्णुता’ की नीति की घोषणा करते हुए कड़ी चेतावनी जारी की है। अधिकारियों ने मीरा रोड में राम मंदिर कार्यक्रम के दौरान बढ़ते तनाव पर गहरी चिंता व्यक्त की है, जहां दो समूहों के बीच झड़पें हुईं। सरकार ने कानून और व्यवस्था बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कहा है कि हिंसा भड़काने या विघटनकारी गतिविधियों में शामिल होने के लिए जिम्मेदार लोगों को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए मीरा रोड सहित देश भर के विभिन्न क्षेत्रों में सुरक्षा उपाय काफी बढ़ा दिए गए हैं। सांप्रदायिक सौहार्द्र भड़काने वालों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. सरकार ने नागरिकों से संयम बरतने और विभिन्न समुदायों के बीच शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने का आग्रह किया है।

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