नागर शैली में बना 1000 साल तक टिकने वाला राम दरबार: 5 मंडप, 392 खंभे, 44 द्वार

अयोध्या में जो रामलला का मंदिर बन रहा है, वह वाकई महानतम है। इस मंदिर का बना पहला तल तो खुद में ही एक अद्भुत उदाहरण है।जो बातें मंदिर के बारे में साझा हो रही हैं, वो सचमुच मन को छू रही हैं। यह मंदिर न केवल भगवान राम की जन्मस्थली पर बन रहा है, बल्कि उसकी दिव्यता, भव्यता और नवीनता का परिचय भी दे रहा है। इसे बारहवीं सदी की भारतीय नागर शैली में बनाया जा रहा है, जो आने वाले 1000 वर्षों तक विश्व में एक अद्वितीय उदाहरण बनेगी।

गर्भगृह में जहां रामलला की 51 इंच की प्रतिमा स्थापित होगी, वो वाकई ही विशेष है। उन्हें 5 साल के बालक रूप में प्रस्तुत किया जाएगा, और उन्हें खड़ा दिखाया जाएगा। वे प्रतिमा बहुत ही शानदार होगी, जो एक राजा के पुत्र और विष्णु के अवतार के रूप में प्रतिष्ठित होगी। उनके साथ गर्भगृह में कमल के फूल भी होंगे, जिनकी लंबाई लगभग 8 फीट होगी।

भगवान राम को समर्पित इस मंदिर का तीन मंजिला होना वाकई ही बड़ा सौभाग्य है। इसमें 5 मंडप भी होंगे। और सबसे खास बात यह है कि भगवान राम के बाल स्वरूप भूमि पर ही प्रतिष्ठित रहेंगे। उनके ऊपरी मंडप में रामदरबार होगा, जहां भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न समेत भक्त हनुमान भी होंगे।

रामलला के मंदिर की विशेषताएं:

रामलला का भव्य मंदिर परंपरागत नागर शैली में निर्मित किया जा रहा है। इसकी लंबाई (पूर्व से पश्चिम तक) 380 फीट होगी, चौड़ाई 250 फीट और ऊँचाई 161 फीट तक होगी। मंदिर तीन मंजिला होगा, प्रत्येक मंजिल की ऊँचाई 20 फीट होगी। कुल 392 खंभे और 44 द्वार होंगे।

रामलला मंदिर के निर्माण से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि मंदिर के मुख्य गर्भगृह में प्रभु श्रीराम का बालस्वरुप रामलला (श्रीरामलला का विग्रह) होगा, और प्रथम तल पर श्रीराम दरबार होगा। रामलला के मंदिर में 5 मंडप होंगे – नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप, और कीर्तन मंडप।

भव्य राममंदिर का निर्माण लगातार जारी (फोटो साभार : X_ShriRamTeerth)

मंदिर की खंभों और दीवारों में देवी-देवता तथा देवांगनाओं की मूर्तियाँ उकेरी जा रही हैं। रामलला के मंदिर में प्रवेश पूर्व दिशा से, 32 सीढ़ियाँ चढ़कर सिंहद्वार से होगा। दिव्यांगजन और वृद्धों के लिए मंदिर में रैम्प और लिफ्ट की व्यवस्था रहेगी। मंदिर के चारों ओर आयताकार परकोटा बनेगा। चारों दिशाओं में इसकी कुल लंबाई 732 मीटर और चौड़ाई 14 फीट होगी।

परकोटा के चारों कोनों पर सूर्यदेव, माँ भगवती, गणपति, और भगवान शिव को समर्पित चार मंदिर होंगे। उत्तरी भुजा में माँ अन्नपूर्णा और दक्षिणी भुजा में हनुमान जी का मंदिर होगा। रामलला के मंदिर के समीप पौराणिक काल का सीताकूप होगा। मंदिर परिसर में स्नानागार, शौचालय, वॉश बेसिन, और ओपन टैप्स जैसी सुविधाएं भी होंगी।

रामलला के मंदिर परिसर में प्रस्तावित अन्य मंदिर महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज, माँ शबरी, और ऋषिपत्नी देवी अहिल्या को समर्पित होंगे। दक्षिण-पश्चिमी भाग में नवरत्न कुबेर टीला पर भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है और वहाँ जटायु प्रतिमा की स्थापना की गई है।

रामलला के मंदिर में लोहे का प्रयोग नहीं होगा। धरती के ऊपर बिलकुल भी कंक्रीट नहीं है। रामलला के मंदिर के नीचे 14 मीटर मोटी रोलर कॉम्पेक्टेड कंक्रीट (RCC) बिछाई गई है, जिसे कृत्रिम चट्टान का रूप दिया गया है। इसे धरती की नमी से बचाने के लिए 21 फीट ऊँची प्लिंथ ग्रेनाइट से बनाई गई है।

मंदिर परिसर में स्वतंत्र रूप से सीवर ट्रीटमेंट प्लांट, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट, अग्निशमन के लिए जल व्यवस्था तथा स्वतंत्र पॉवर स्टेशन का निर्माण किया गया है, ताकि बाहरी संसाधनों पर न्यूनतम निर्भरता रहे। 25 हजार क्षमता वाले एक दर्शनार्थी सुविधा केंद्र (Pilgrims Facility Centre) का निर्माण किया जा रहा है, जहाँ दर्शनार्थियों का सामान रखने के लिए लॉकर व चिकित्सा की सुविधा रहेगी।

रामलला के मंदिर का निर्माण पूर्णतया भारतीय परम्परानुसार व स्वदेशी तकनीक से किया जा रहा है। पर्यावरण-जल संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कुल 70 एकड़ क्षेत्र में 70% क्षेत्र सदा हरित रहेगा।

भक्तों के स्वागत के लिए तीर्थ क्षेत्र पुरम बनाकर तैयार किया गया है।

रामलला के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम 22 जनवरी 2024 को होगा। उससे एक सप्ताह पूर्व से तमाम तरह की पूजा अर्चना शुरू हो जाएगी। मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का साक्षी बनने के लिए हजारों गणमान्य हस्तियों को बुलाया गया है। वहीं, इन भक्तों को ठहराने के लिए 15 हजार लोगों की क्षमता वाले टेंट सिटी ‘तीर्थ क्षेत्र पुरम’ को तैयार किया गया है।

रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए तैयारियाँ जोरों-शोरों से हो रही हैं। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित रहेंगे। इनके अतिरिक्त 3000 वीआईपी समेत 7000 लोगों को निमंत्रण भेजे गए हैं। इनमें कारसेवकों का परिवार भी हैं, जिन्होंने राम मंदिर के लिए अपनी जान गवा दी। ट्रस्ट का कहना है कि लगभग 15000 लोगों के आने का इंतजाम होगा।

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