यह भारत में निर्मित पहला अपने प्रकार का ड्रोन है। यह ड्रोन ‘मध्यम एल्टिट्यूड लॉन्ग इन्ड्युरेंस (MALE)’ कैटेगरी का है। इसका मतलब है कि यह बहुत लंबे समय तक मध्यम ऊँचाई पर उड़ सकता है। यह ड्रोन विशेष तकनीक से युक्त है। यह एक बार में 36 घंटे तक उड़ सकता है। यह सभी प्रकार के मौसम में उड़ सकता है और उन अवस्थाओं में भी उड़ सकता है जहाँ अन्य विमान नहीं उड़ सकते हैं।
इस ड्रोन को खास रूप से गुप्त जानकारी संग्रह, समुद्री सीमाओं की सुरक्षा और जाँच-पटक के कामों में लागू किया जाएगा। यह 450 किलो तक भार उठा सकता है और इसमें हथियारों को भेजा जा सकता है। इस ड्रोन को नौसेना और थल सेना, दोनों ही के उपयोग के लिए तैयार किया गया है।
नौसेना और थल सेना ने इस ड्रोन के लिए ऑर्डर दिया है। इन ड्रोन्स को शीघ्र ही भारतीय सेनाओं में शामिल कर इस्तेमाल किया जाएगा। अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस का कहना है कि इस पहले ड्रोन को हैदराबाद से गुजरात भेजा जाएगा, जहाँ इसे नौसेना में शामिल किया जाएगा।
नौसेना प्रमुख ने इस अवसर पर कहा है कि भारत का पहला स्वदेशी तकनीकी उन्नतियों वाला MALE ड्रोन सिर्फ 10 महीनों में तैयार हो गया है। इसकी प्रगति के बारे में जानकारी प्राप्त करना मेरे लिए गर्व और खुशी की बात है। साथ ही, अडानी परिवार के सदस्य और अडानी एयरपोर्ट्स के चेयरमैन जीत अडानी ने जल्द ही इन भारतीय रक्षा उत्पादों को बाहरी देशों को निर्यात करने की योजना बताई है।
इस बात का गर्व है कि भारत ने अब तक ड्रोन तकनीक को बाहरी सहायता से लिया है। अधिकांश ड्रोन इजराइली कंपनियों के द्वारा निर्मित हैं जो भारतीय सेनाओं में उपयोग होते हैं। हालांकि, पिछले कुछ सालों में भारत में भी ड्रोन निर्माण में तेजी आई है और कई कंपनियाँ इस क्षेत्र में उभर रही हैं।