ISIS आतंकी शाहनवाज CIA की नकल करके अपने सहयोगियों से बात करता था और मालदीव की एक महिला एजेंट के संपर्क में भी था

ISIS आतंकी शाहनवाज CIA की नकल करके अपने सहयोगियों से बात करता था और मालदीव की एक महिला एजेंट के संपर्क में भी था

News Delhi: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ISIS के खतरनाक आतंकी शाहनवाज आलम, अरशद वारसी, और मोहम्मद रिजवान अरशद को गिरफ्तार किया है। ये आतंकी उच्च स्तरीय तकनीक का उपयोग करके एक दूसरे के साथ जुड़े रहते थे। इसके अलावा, माइनिंग इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले आतंकी शाहनवाज ने सीक्रेट ट्रिक्स का उपयोग करके अन्य आतंकी समूहों से भी संपर्क बनाए रखा था।

सभी आतंकी इस तकनीक का उपयोग करके अपने संदेशों को एक शेयर्ड आईडी और पासवर्ड के माध्यम से लिखते थे और इसे बिना भेजे (सेंड किए) सुरक्षित रखते थे। इस प्रकार, एक आतंकी दूसरे के द्वारा भेजे गए आईडी-पासवर्ड का उपयोग करके उसके संदेश तक पहुँचता था और उसके जवाब को हटाकर खुद भी एक नया संदेश लिखता था। इस कारण, ये आतंकी संदेश भेजे बिना ही सुरक्षा एजेंसियों के साथ संवाद स्थापित कर रहे थे और उन्हें चुनौती प्रदान कर रहे थे।

हालांकि, अब दिल्ली पुलिस ने उनके मैसेजिंग प्लेटफॉर्म का एक्सेस प्राप्त किया है और एक पत्र को फिर से (रिट्राइव) प्राप्त किया है। टाइम्स ग्रुप की रिपोर्ट के अनुसार, ये आतंकी बहुत ही चालाकी से उन तकनीकों का इस्तेमाल करते थे, जिनका अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए और कनाडाई जासूस अपने रुसी साथियों से जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाता था।

आतंकी शाहनवाज, जो CIA की नकल कर साथियों से बातें करता था, उसका संपर्क मालदीव की महिला हैंडलर के साथ भी था

रिपोर्ट में बताया गया है कि आईएसआईएस के ऑपरेटिव न्यूजीलैंड आधारित क्लाउड सेवा Mega.nz का इस्तेमाल इस कार्य के लिए करते थे। यह डेस्कटॉप और मोबाइल दोनों पर एक्सेस किया जा सकता था। इससे बिना इंटरनेट प्रोटोकॉल का इस्तेमाल करते हुए वे अपने संदेशों को आगे बढ़ा सकते थे। वास्तव में, इंटरनेट पर कोई मैसेज भेजे बिना उसे इंटरसेप्ट नहीं किया जा सकता है।

शाहनवाज आलम ने बताया कि उन्होंने मालदीव की एक महिला हैंडलर के साथ संपर्क भी किया था। उसने सीरिया और इराक के सीमा क्षेत्रों पर ISIS के डिटेंशन सेंटर, अल-हाउल कैंप के लिए भी चंदा भेजा था। यह बताने योग्य है कि हिंद महासागर में भारत का पड़ोसी देश मालदीव ISIS के प्रमुख पनाहगाह के रूप में पता चला है।

एक न्यूज़ एजेंसी ने अपने रिपोर्ट में बताया  था कि शाहनवाज आलम पाकिस्तान के आतंकी समूहों के संपर्क में रहता था और भारत में आईएसआईएस के मॉड्यूल खड़ा करने का प्रयास कर रहा था। इनमें आईएसआईएस के पुणे मॉड्यूल, अलीगढ़ मॉड्यूल, हैदराबाद मॉड्यूल, दिल्ली मॉड्यूल और महाराष्ट्र मॉड्यूल शामिल थे। पाकिस्तान का फरहतुल्ला इसका हैंडलर था और वह हर मॉड्यूल में विभिन्न नामों से पहचाना जाता था।

महाराष्ट्र के पुणे छोड़ने के बाद, शाहनवाज को फरहतुल्ला ने ही दिल्ली और अलीगढ़ मॉड्यूल से जोड़ा। शाहनवाज और उसके साथी गुजरात के कई शहरों में रेकी की थीं। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच और एनआईए की पूछताछ में, आईएसआईएस के पुणे, दिल्ली, और अलीगढ़ मॉड्यूल से जुड़े आतंकी शाहनवाज ने माना कि साल 2023 में उसने गुजरात में कई स्थानों का दौरा किया था। शाहनवाज ने बोहरा मस्जिद, अहमदाबाद की मजार, दरगाह, और साबरमती आश्रम की तस्वीरें भी खींची थीं और हमले का ब्लू प्रिंट बनाया था।

शाहनवाज ने ट्रेनिंग के लिए स्थान ढूंढ़ा और कुछ ट्रेनिंग भी पूरी की थी। इसके अलावा, उसे पाकिस्तानी हैंडलर से हथियारों को जमा करने में मदद मिल रही थी, और वह भारत में कई धमाकों को अंजाम देने के लिए आखिरी दौर में पहुंच चुके थे। संभावना है कि यदि इन आतंकवादियों को भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने समय पर पकड़ा नहीं होता, तो वे अब तक कई धमाके कर चुके होते।

गौरतलब है कि जुलाई 2023 में, पुणे पुलिस ने एक चोरी की बाइक के साथ 2 लोगों को पकड़ा था, जिसमें शाहनवाज भी शामिल था। पुलिस ने शुरुआत में उन्हें वाहन चोरी का आरोप लगाया था, लेकिन जाँच में उनका ISIS नेटवर्क से जुड़ा होने का पता चला। इसके बाद शाहनवाज पुलिस से बचकर फरार हो गया था।

इसके बाद, अगस्त महीने में, पुणे के कोंढवा क्षेत्र के एक घर में पुलिस ने दबिश की छानबीन की और 7 लोगों को बम बनाने और ब्लास्ट करने की ट्रेनिंग लेते हुए गिरफ्तार किया गया। इस दौरान 3 अन्य संदिग्ध फरार हो गए थे, जिनमें शाहनवाज शामिल था। इन फरारों के साथ शाहनवाज के ऊपर भी 3-3 लाख रुपए का इनाम रखा गया था। इसके बाद, दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एनआईए के साथ मिलकर शाहनवाज को गिरफ्तार किया था।

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